Saturday, 3 December 2016

मुस्ताफा जानें रहमत पे लाखों सलाम

*ऐ खुदा तूने भेजा है रहमत का जाम,*

*उनके हाथों से जिनका मुहम्मद है नाम,*

*रूह निकलती रहे दिल ये कहता रहे"*

*"मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम.*

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