Tuesday, 6 December 2016

प्यारी मॉ

सब रिस्तो मेरे मर्दो का नाम पहले आता हैं ..
दादा-दादी
नाना-नानी
चाचा-चाची
मामू-ममानी
पोटा-पोती
नवाशा-नवाशी
भतीजा-भतीजी
भांजा-भांजी
भाई-भाभी
मियाँ-बीवी
सेठ-सेठानी
भाई-बहन
सिर्फ एक हैं रिस्ता ऐसा हैं जिसमें औरत का नाम पहले आता हैं..वो हैं...........मॉ
मॉ-बाप
वाह क्या हैं मकाम मॉ का ...

शोलों को हवा

जो फसादत के शोलों को हवा देते हैं
ऐसे हाथो में हुकूमत नहीं देखी
जाती
और जान खतरे में है तो उठा ले तलवार
ऐसे मौकों पर शराफत नहीं देखी
जाती

.....✏ ãłhîřîřî..........

Saturday, 3 December 2016

मुस्ताफा जानें रहमत पे लाखों सलाम

*ऐ खुदा तूने भेजा है रहमत का जाम,*

*उनके हाथों से जिनका मुहम्मद है नाम,*

*रूह निकलती रहे दिल ये कहता रहे"*

*"मुस्तफा जाने रहमत पे लाखों सलाम.*

Friday, 2 December 2016

या हुसैन

यज़ीद से पूछो के तेरा राज कहाँ है ?
वो खून से आलूदा तेरा ताज कहाँ है ?
ज़िंदा है हुसैन हमेशा ही रहेगा !
यज़ीद लानत के सिवा तेरी याद आज कहाँ है ?